प्रतीक की शिवरात्रि पर अनोखी कविता…
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क्या चुनोगे तुम?
इस पार या उस पार….
यह ध्यान रखना…
फीनिक्स हो तुम,..
शून्य
अगर फैलने की ठान ले……
ओ मेरे महान सपनों..
सपनों से सीखा मैंने- अंतर है स्वतंत्र होने में
और मुक्त होने में।
समर की पहली कविता
चक्रव्ह्यु शत्रु नहीं, योद्धा की पहचान है|
चक्रव्ह्यु की गहनता ही, अभिमन्यु का मान है|
अभिनेता की मृत्यु पर….
अभिनेता मरते नहीं हैं | बस एक मंच से दूसरे मंच चले जाते हैं ….
Death of An Actor
Actors do not die. They just transcend from one world to another-one stage to another.