अविचलित, निर्विघ्न;
साँसों का अंत, धडकनें स्तब्ध।
रोती बेवा, सिसकते परिजन,
अथाह निराशा;
अँधेरी रोशनी, सफेद गिरते आंसू,
यादों की हताशा।
लेकिन कौन सी चिता जला सकती है?
उस आत्मा को जिसने जीये
न जाने कितने जीवन ।
किस कब्र में दफनाया जा सकता है?
एक ऐसा चेहरा जिसने
मुस्कुराना सिखाया करोड़ों चेहरों को।
ख़ुद से संतुष्ट!!
प्रशांत शान्ति के तटस्थ !
क्योंकि वह जानता है,
उसने फूंकी मृतकों में जान,
राजा भी, भिखारी भी ,
क्लीव भी, प्रेमी भी-
आश्रय बना सबकी आत्माओं का |
मृत्यु उसका अंत नहीं ।
वह अपने से परे भी सदा रहेगा-
आँसुओं के नमक में,
मुस्कानों की चमक में।
विलाप न करे संसार,
अभिनेता की मृत्यु पर,
जब पर्दा गिरता है,
तो वक़्त होता है सराहना का …
अंतिम तालियों का …
~Team GoodWill~
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बहुत ही महत्वपूर्ण
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Bahut acche abhineta the
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जी…
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