भुवना जया बताती हैं उन दो नदियों के बारे में जो जीवन के अलग अलग पड़ावों का उनका आधार बनी, और फिर नदियों की ही तरह अपनी अपनी अनंत यात्राओं की ओर निकल गयीं।
Author Archives: Jaya
My Cherished lunch group!!
Bhuvna ‘Jaya’ pens a sweet memoir from her moments spent during lunch time at office.
मैं आशावादी हूँ।
मैं ज़िंदगी का साथ निभाता चला गया, हर फिक्र को धुएं में उड़ाता चला गया… साहिर लुधियानवी इस गीत से हम सब वाक़िफ़ हैं। साहिर लुधियानवीजी के द्वारा लिखित यह गीत मेरे दिल के बहुत क़रीब है। इस गीत के हर शब्द से मैं ख़ुद को जुड़ा पाती हूँ। अब जब मैं ज़िंदगी के तीसरेContinue reading “मैं आशावादी हूँ।”