झुकी पलकें, सूट गुलाबी ;
दूर जाता बचपन, पास आती अपनों से दूरियाँ ,
थोड़ी उदास यादें, थोड़े सहमे ख़्वाब,
खुद में ही सिमटी..
बांधती उंगलिओं को चुन्नी से |
“क्या- क्या बनाना आता है कहो ?”
फुसफुसा के कहा ‘जी सब कुछ ‘ सासू -माँ के सवाल को ;
“शुगर है मुझे ..और ये नमक भी कम ही खाते हैं ;
हर हफ्ते खीर बनाना बेटी!!!
तुम्हारे भतीजे बहुत खाते हैं !”
.
वो परी मुस्कुराई भी..और नहीं भी …
उस आधी मुस्कान का मतलब कौन समझा हैं आजतक ?
~Team GoodWill~
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Kya baat
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Thank you! अच्छा लगा आपने पढ़ा तो।
Regards,
Team Goodwill.
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