जब जब आदमी ने लिखना चाहा,
और वह न लिख पाया कविता,
उसने बनाई इमारतें,
सड़कें, घर और पूजा के स्थान।
उसने छेड़ी जंग,बनाए हथियार,
बसाए शहर, खड़ी की दीवार।
स्मारक है पूरी दुनिया,
अनलिखी कविताओं की….
~समर~
समर भीड़ में उलझा हुआ एक चेहरा है |
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