माँ तू भी कमाल करती है
कभी गलती करूँ तो डाट लगाती है,
कभी रूठ जाऊँ तो मना लाती है,
मेरे चोट का मरहम बन कर-
मेरे हर दर्द को चुरा लेती है |
माँ तू भी कमाल करती है|
कभी हार जाऊ तो हौंसला बन जाती है,
मेरे चेहरे की शिकन को पहचान जाती हैं,
मेरी कमी को मेरा ताकत बना कर ,
मुझे जिंदगी के हर जंग मे जीता देती है |
माँ तू भी कमाल करती है |
ज़िंदगी की ज़रूरी सीख दे जाती है
हर रिश्ते को बखूबी निभाती है
हूँ तो मैं पापा की लाडली
पर माँ-
तू मुझे अपनी आंचल मे हर खुशी दे जाती है
माँ तू भी कमाल करती हैं |
~आयुषी सिंह ~
आयुषी 27 साल की हैं। वह छत्तीसगढ़ के एक छोटे से शहर मनेंद्रगढ़ की रहने वाली हैं। आप पेशे से अध्यापक हैं। आयुषी को पहले से ही स्केचिंग और कहानियां-कविता लिखने का शौक था, लेकिन अब लेखन की दुनिया में यह उनका पहला कदम है। आयुषी का मानना है कि अपने विचारों, अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए एक माध्यम की जरूरत होती है और इसके लिए यह माध्यम बना लेखन|
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Wah
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